परिचय इस लेख में इस्लाम को जीवित रखने वाले इमाम हुसैन के बारे में एक आसान भाषा मे पढ़ने को आप को मिलेगा । उनकी और उनके बच्चों की शहादत की शहादत के बारे में इस लेख में कुछ अंश बताया गया है । "अशुरा इस्लामी कैलेंडर में, मुहर्रम बारह महीनों में से पहला है। मुहर्रम के 10 वें दिन को "अशुरा" कहा जाता है। यह गहन दु: ख और शोक का दिन है, जहां शिया समुदाय के मुसलमान इमाम हुसैन (एएस) की याद में एक साथ इकट्ठा होते हैं । युद्ध में मारे गए उनके शौर्य की कहानी और इस्लाम को बचाने के लिए ये सब हुआ । इमाम हुसैन (एएस) कौन हैं? आप।सभी को।ज्ञात हो कि इस्लाम और शिक्षाओं के कानून और सिद्धांत पैगंबर मुहम्मद (एएस) के लिए प्रकट हुए थे । वह इस्लाम के संस्थापक थे। उनकी बेटी फातिमा ज़हरा (एएस) जिन्होंने इमाम अली (एएस) से शादी की । और उन दोनों की चार संतानें थीं। दो बेटे थे और दो बेटियां थीं। दूसरा बेटा इमाम हुसैन (एएस) नाम था। वह पैगंबर मुहम्मद (एएस) के पोते थे और एक बहुत ही मूल्यवान शासक थे। "इमाम" का अर्थ है आध
इस gyani bharat blog में आप धर्म से लेकर कहानी ,हेल्थ ,कहानियां और न्यूज़ ,कुछ नामी हस्तियों आदि के जीवनी के बारे में पढ़ने को मिलेगा साथ ही इतिहास के बारे में जानकारी मिलेगी