अरुणिमा सिंहा ( राष्ट्रीय बॉलीबाल चैपियन) परिचय भारत भूमी की मिट्टी में सिर्फ महा पुरुष ही नही नारी जाति में भी वीरांगनायें जन्म ली हैं । ऐसे ही एक नारी जो एक माध्यम परिवार में पैदा होकर एक वालीबॉल चैपियन रही उसके बाद 2011 में लखनऊ से दिल्ली जा रही ट्रेन से कुछ लोगों ने चलती ट्रेन से निचे फेक दिया उसके बाद उसका एक पैर जाने के बाद भी वो हिम्मत नहीं हारी और 21 मई 2013 में उसने दुनियां की सबसे ऊंची चोटी एवेरेस्ट पर पहुँच कर एक इतिहास रच दी । उस अरुणिमा की कहानी उस वक़्त एवेरेस्ट समिट में दिए गए उसी की जुबानी की व्याख्या आप खुद पढ़ेंगे। जिसने खुद अपना जिक्र कीं हैं। हौसले की कहानी अरुणिमा की जुबानी आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद। इतने लंबे समय के लिए किसी को बैठना और सुनना एक बड़ी बात है। क्योंकि जब आप बैठते हैं और किसी को सुनते हैं,या पढ़ते हैं, तो आपको धैर्य रखने की आवश्यकता होती है - - यही मैं सोचती हूं। दरअसल, मेरी उम्र 26 साल है। 2011 में, मुझे कुछ लुटेरों द्वारा एक दौड़ती ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया था। मैं वॉलीबॉल चैंपियन भी रही हू
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