संप्रदाय का उदय ( भारत ) भारत को विश्व गुरु का दर्जा इस लिए दिया जाता है क्यों कि यहां पर अनेक महापुरुष का जन्म हुआ जो अपने ज्ञान को विश्व के कोने कोने में फैलाया Justऔर दुनियां के हर कोने में अपना ज्ञान संप्रदाय का पताका लहराया जिसका प्रमाण आज भी देखने को मिलता है और इस सब प्रमाणों से ये ज्ञात होता है कि ये सारे संप्रदाय उस सनातन संस्कृति से ही निकले हुए अंश हैं जो अलग अलग भाषाओं में भले हों पर ये भारत भूमि से ही जन्मे हैं। यही कारण है कि जितने भी ऋषि मुनि हुए उनको एक देवता की उपाधि प्राप्त है जो ईश्वर का एक अंश भी माना जाता है हमारे भारतीय ग्रंथो में ईसा मसीह को कृष्ण मोहम्मद को शिव का अंश माना जाता है। इसलिए हम कहते हैं सम्पूर्ण विश्व सनातनी है बस ओ संप्रदायों में विभाजित होकर अपने अपने कर्मो का पालन कर रहे हैं। यही कारण है कि हम जिस जाति संप्रदाय में पैदा होते हैं हमारा धर्म होता है कि हम अपने कर्मो का पालन। उसी जाति संप्रदाय में रहकर जीवन निर्वाह करें। मनुष्य का कर्म (धर्म) जैसे जैसे हम मनुष्य जाति हम अनेक काल खंडो से हम
इस gyani bharat blog में आप धर्म से लेकर कहानी ,हेल्थ ,कहानियां और न्यूज़ ,कुछ नामी हस्तियों आदि के जीवनी के बारे में पढ़ने को मिलेगा साथ ही इतिहास के बारे में जानकारी मिलेगी